Anant Chaturdashi 2023:, जान लें गणपति विसर्जन का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि।
आज गणेश उत्सव का अंतिम दिन यानी अनंत चतुर्दशी है। पूजा-पाठ के बाद श्री गणेश जी की प्रतिमाओं का विधिवत् विसर्जन किया जाएगा। इसके लिए आज दो शुभ मुहूर्त हैं। भगवान गणेश जी की विदाई का प्रथम मुहूर्त 12 से 3 बजे तक रहेगा। वहीं दुसरा मूर्हत शाम 4.30 से 6 बजे तक रहेगा। गणेश जी प्रतिमा का विसर्जन दोपहर में होगा तो अच्छा रहेगा, क्योंकि गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए (मध्याह्न काल) दोपहर का समय सबसे उत्तम रहता है। ओर हां किसी वजह से आज अगर प्रतिमा विसर्जन ना कर पाएं तो दिन ढलने के बाद ना करें, अगले दिन सुबह किसी शुभ चौघड़िए में विसर्जन करें।
पूजा के बाद जब धूप- दीप बुझ जाए, तब विसर्जन करें।
• बड़े बर्तन में साफ जल भरें।
• पानी में गंगा, यमुना, शिप्रा, नर्मदा, गोदावरी, कावेरी जैसी पवित्र नदियों और तीर्थों का ध्यान और जाप करे।
• पानी में चंदन, कुमकुम, इत्र, चावल और हार-फूल डालें।
• मंत्र जप करते हुए श्रीं गणेश जी भगवान की मिट्टी की प्रतिमा जल में रखें।
• हाथ जोड़कर भगवान गणेशा से कृपा बनाए रखने की प्रार्थना करें।
• प्रतिमा गलने के बाद जल और मिट्टी घर के गमले और पौधे में डाल दें।
• अगर गणेश प्रतिमा प्रतिमा बड़ी है तो किसी खुली जगह पर एक बड़ा गड्डा करें और उस गड्ढे में पानी भरकर गणेश प्रतिमा को विसर्जित करें।
घर में करें विसर्जन, नदियों तालाब में नहीं करें।
नदियों-तालाब में श्री गणेश प्रतिमा और हार-फूल डालने से दोष और रोग लगता है, इसलिए श्री गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन अपने घर में ही साफ़ सुथरी जगह पर करना चाहिए। नदी-तालाब गंदे होने से प्रकृति को भी भारी नुकसान होता है। इसका उल्लेख महापुराण में भी किया गया है।इसलिए जल में कचरा डालने से, साबुन लगाकर नहाने और मूर्तियां और हार-फूल बहाने से बचना चाहिए।’
श्री गणेश अंक में लिखा है, कि ‘ये सारा ब्रह्मांड और हमारा मनुष्य शरीर पंचतत्वों से बना है। ये पंचतत्व हैं- पृथ्वी,वायु,आकाश, अग्रि, और जल। इनमें जल तत्व के मालिक श्रीं गणेश जी हैं। हमारे शरीर में 75% तक पानी ही है। इस वजह से भी श्री गणेश जी भगवान की पूजा सभी देवी-देवताओं में सबसे पहले की जाती है। गणेश के साथ ही पानी भी पूजनीय है। पानी को गंदा करने से गणेश जी का अनादर होता है। इसलिए पानी को बचाना चाहिए और उसकी पवित्रता बनाए रखनी चाहिए।’
अनंत चतुर्दशी पर श्री गणेश जी को अपने घर से विदाई नहीं दे, बल्कि घर में ही प्रतिमा विसर्जन करें, ताकि भगवान गणेशा हमेशा हमारे घर में ही रहें।